Sunday, March 16, 2025

25 मार्च को रखा जाएगा पापमोचनी एकादशी व्रत, करें ये उपाय, बरसेगी मां लक्ष्मी की कृपा!

टॉप न्यूज़25 मार्च को रखा जाएगा पापमोचनी एकादशी व्रत, करें ये उपाय, बरसेगी मां लक्ष्मी की कृपा!

Ekadashi Vishnu Bhagwan

हिंदू धर्म में एकादशी का काफी अधिक महत्व है। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विधि-विधान पूर्वक पूजा-अर्चना की जाती है। इसी कड़ी में चैत्र महीने में पापमोचनी एकादशी मनाई जाएगी, जो कि इस साल 25 मार्च को पड़ रहा है। इस व्रत को रखने से हर क्षेत्र में सफलता मिलती है। इसके साथ ही पापों का अंत भी होता है। एकादशी का व्रत हर महीने शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष को रखा जाता है।

साल भर में 24 एकादशी के व्रत रखे जाते हैं, लेकिन अधिक मास होने पर इसकी संख्या 26 हो जाती है। मान्यताओं के अनुसार, इस व्रत को करने से मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है।

शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, चैत्र महीने की पहली एकादशी की शुरुआत 25 मार्च की सुबह 05:21 मिनट से हो रही है, जिसका समापन अगले दिन यानी 26 मार्च को सुबह 03:37 मिनट पर होगा। उदया तिथि के अनुसार, 25 मार्च को पापमोचनी एकादशी का व्रत रखा जाएगा।

क्या करें और क्या ना करें?

  • इस दिन जातक को व्रत रखने के दौरान दूध, दही, फल, शरबत, साबूदाना, बादाम, नारियल, शकरकंद, आलू, मिर्च, सेंधा नमक, राजगीर का आटा, आदि का सेवन करना चाहिए। पूजा के बाद साफ जल और साफ बर्तन में ही कुछ भी खाएं।
  • इस व्रत को रखने से पहले या फिर उसी दिन तामसिक भोजन का सेवन न करें। इससे व्रत असफल माना जाएगा। इस व्रत को करने वाले साधक को चावल और नमक का सेवन भी करना वर्जित माना गया है।

महत्व

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस एकादशी का महत्व सभी पापों का नाश करने वाला है। इस व्रत को करने से पूर्व जन्म के सभी पाप दूर हो जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

करें ये उपाय

  • इस दिन पीला वस्त्र पहनकर पूजा पाठ करें। पीले रंग का भोग लगाएं और पीला फूल ही भगवान विष्णु को अर्पित करें।
  • इस दिन माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु के समक्ष 9 बाती का दीपक जलाएं। इससे घर में सुख शांति बनी रहेगी।
  • इस दिन कनकधारा स्त्रोत का पाठ करें। भगवान विष्णु के सहस्त्र नाम का जाप करें।

(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)

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