स्प्रिंग सीज़न की शुरुआत हो चुकी है, यह बहुत ही सुहावना मौसम होता है जिसकी शुरुआत फ़रवरी के महीने से हो जाती है, चारों तरफ़ हरियाली और रंग बिरंगे फूलों से सजे पेड़ पौधे इस मौसम में दिखाई देते हैं. स्प्रिंग सीज़न बहुत ही सुहावना होता है. गार्डनिंग का शौक़ रखने वाले लोगों के लिए यह मौसम बहुत ही सही माना जाता है.
इस मौसम में न तो ज़्यादा गर्मी लगती है न ही ज़्यादा ठण्ड. यही कारण है कि इस मौसम में पेड़ पौधे ख़ूब खिलते हैं और बढ़ते हैं. इस मौसम में लोग इंडोर प्लांट लगाना ज़्यादा पसंद करते हैं, क्योंकि इस समय इंडोर प्लांट्स को अधिक देखभाल की आवश्यकता नहीं होती है.
इंडोर प्लांट्स की देखभाल (Indoor Plant Care)
आपने भी अक्सर कई लोगों के घर में इंडोर प्लांट्स देखे होंगे. जिस तरह से आउटडोर प्लांट की देखभाल करने की आवश्यकता होती है ठीक उसी तरह से इंडोर प्लांट्स की देखभाल करना भी बहुत ज़रूरी होता है. अगर सही से देखभाल न की जाए तो इंडोर प्लांट मुरझा सकते हैं, आज हम आपको साड़ी कल के ज़रिये बताएंगे कि आप किस तरह से इंडोर प्लांट्स की देखभाल कर सकते हैं, तो चलिए जानते हैं.
कितना पानी डालना चाहिए
किसी भी पौधे की अच्छी ग्रोथ के लिए उसे पानी देना बहुत ज़रूरी होता है, लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि इस मौसम में इंडोर प्लांट्स को अधिक पानी की आवश्यकता नहीं होती है. जब आपको ऐसा महसूस होने लगे कि इंडोर प्लांट की मिट्टी पूरी तरह से सूख चुकी है तब ही उसमें पानी डालें, पानी डालने के लिए लकड़ी या फिर उंगली की मदद से एक गड्ढा करें उसके बाद पानी डालें. ऐसा करने से पानी पौधों की जड़ों तक आसानी से पहुँच जाएगा, इंडोर प्लांट्स में हफ़्ते में दो बार पानी डालना काफ़ी है.
कैसी होनी चाहिए मिट्टी
सर्दियों के मौसम के बाद जब बसंत ऋतु यानी स्प्रिंग सीज़न की शुरुआत होती है, तब पौधें अच्छे से फैलना शुरू कर देते हैं. ऐसे में ज़रूरी है कि आप अपने छोटे गमले में लगे पौधे को बड़े गमले में शिफ़्ट करें, जिससे कि वह अच्छे से बढ़ सके. इतना ही नहीं अगर आप अपने गमले को दूसरे गमले में शिफ़्ट कर रहे हैं, तो उसकी मिट्टी भी बदल लें या पौधों के लिए अच्छा होगा.
सूरज की रोशनी
वैसे तो देखा जाए तो इंडोर प्लांट्स को अधिक सूरज की रोशनी की आवश्यकता नहीं होती है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि पौधों को बिलकुल भी रोशनी न दी जाए. इंडोर प्लांट्स को पर्याप्त रोशनी देने के लिए आप उन्हें खिड़की या फिर दरवाज़े के पास रख सकते हैं, जिससे कि उन्हें सूरज की थोड़ी थोड़ी धूप मिल सके और वे हरे भरे रह सके. इस बात का ध्यान रखें कि अगर आपको लग रहा है कि धूप बहुत ज़्यादा है तो पौधों को वहाँ से हटा दें क्योंकि अधिक धूप से पौधे जल सकते हैं.
कैसी होनी चाहिए खाद
अब बारी आती है खाद की, बाज़ार में मिलने वाली खाद की बजाय अगर आप नैचरल खाद जैसे वर्मी कम्पोस्ट या गोबर की खाद डालते रहे, अगर समय की बात की जाए तो आप 20-25 दिन में इन जैविक खाद का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके अलावा इंडोर प्लांट्स को हफ़्ते में एक बार चेक करना भी बहुत ज़रूरी है, चेक करने के दौरान आप साड़ी और पीली पत्तियां को हटा सकते हैं साथ ही साथ इस बात का भी ध्यान रख सकते हैं कि कहीं टहनी सड़ गल तो नहीं रही है.